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उन्नाव दुष्कर्म / पीड़ित का शव पुलिस काफिले में घर रवाना, 90% झुलसने के बाद कार्डियक अरेस्ट से मौत हुई

उन्नाव दुष्कर्म / पीड़ित का शव पुलिस काफिले में घर रवाना, 90% झुलसने के बाद कार्डियक अरेस्ट से मौत हुई

  • डॉक्टरों के मुताबिक- पीड़ित की शुक्रवार रात 11.40 बजे मौत हो गई  
  • 3 दिसंबर को जमानत पर छूटे आरोपियों ने गुरुवार तड़के उसे जला दिया था

Dainik Bhaskar

Dec 07, 2019, 07:18 PM IST
नई दिल्ली/लखनऊ. उन्नाव दुष्कर्म पीड़ित का शव पुलिस काफिले के साथ दिल्ली से उन्नाव स्थित उसके घर ले जाया जा रहा है। 90% झुलसी पीड़ित ने शुक्रवार रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। रात 11.40 बजे उसे कार्डियक अरेस्ट हुआ था। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पीड़ित के शरीर में कोई जहर और दम घुटने के संकेत नहीं मिले। गंभीर रूप से जलने से मौत हुई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि यह केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा। घटना पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल बोलीं कि आरोपियों को एक महीने में फांसी दी जाए। वहीं, पीड़ित को इंसाफ देने की मांग करते हुए अस्पताल के बाहर एक महिला ने नाबालिग बेटी पर ज्वलशील पदार्थ डाल दिया। हालांकि, पुलिस ने उसे बचा लिया।
जमानत पर छूटे दुष्कर्म के आरोपियों ने पीड़ित को गुरुवार तड़के जला दिया था। जलते शरीर के साथ ही एक किमी तक भागकर उसने लोगों की मदद से पुलिस को आपबीती बताई थी। गुरुवार देर शाम उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था। डॉ. गुप्ता ने बताया, ‘‘अस्पताल पहुंचने के बाद पीड़ित पूछ रही थी कि वह बच तो पाएगी? वह जीना चाहती थी। उसने अपने भाई से कहा था कि उसके गुनहगार बचने नहीं चाहिए।’’ पांचों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए थे। इनमें से दो वही हैं, जिन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया था। 
पीड़ित की हालत देख रो पड़ी थी बहन
पीड़ित की बड़ी बहन अपनी मां के साथ शुक्रवार को लखनऊ से सफदरजंग अस्पताल पहुंची थी। उसने दैनिक भास्कर को बताया कि पीड़ित की तबीयत ठीक नहीं है। दवाएं चल रही हैं। वह कुछ बोल भी नहीं पा रही है। किसी से बात नहीं कर रही। इतना कहकर बहन भावुक हो गई और रोने लगी। 
भाई से वादा लिया था- गुनहगारों को मत छोड़ना
जब पीड़ित सफदरजंग अस्पताल में शिफ्ट की गई थी तो वह होश में थी। दर्द से कराहते हुए उसने अपने भाई से कहा कि मैं मरना नहीं चाहती। पीड़ित ने अपने भाई से वादा भी लिया कि उसके गुनहगारों को मत छोड़ना। हालांकि, उसके बाद वह कुछ बोल नहीं पाई।
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा था कि मैं पीड़ित को देखकर डर गया था
पीड़ित को जलाने के बाद आरोपी मौके से भाग गए। इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी रविन्द्र ने बताया था कि वह दूर से दौड़ती आ रही थी। वह चीख रही थी- बचाओ-बचाओ। मैंने पूछा भी कि तुम कौन हो? उसके पूरे शरीर में आग लगी हुई थी। यह देखकर मैं डर गया। मुझे लगा कि कोई भूत है। मैं घर से डंडा और कुल्हाड़ी लेकर उसके सामने गया। फिर उसने अपने पिता का नाम बताया। फिर पुलिस हेल्पलाइन डायल कर पीड़ित के बारे में बताया। पीड़ित ने पुलिस को पूरी बात बताई, फिर पुलिस उसे लेकर गई।
यह है मामला
गैंगरेप पीड़ित लड़की को उसी के गांव के आरोपी शिवम ने शादी का झांसा देकर अपने जाल में फंसाया। दुष्कर्म के वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया। परेशान होकर लड़की अपनी बुआ के घर रायबरेली चली गई। शिवम ने यहां भी 12 दिसंबर 2018 को अपने साथी शुभम के साथ रेप किया। रायबरेली कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने 5 मार्च, 2019 को केस दर्ज किया। बाद में शिवम ने कोर्ट में सरेंडर किया। जबकि शुभम फरार रहा। 30 नवंबर को शिवम जमानत पर रिहा होकर आया। 5 दिसंबर को रायबरेली कोर्ट में सुनवाई के लिए जा रही पीड़ित को जला दिया गया। पुलिस ने शिवम, उसके पिता रामकिशोर, शुभम, हरिशंकर और उमेश बाजपेयी को गिरफ्तार किया।

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